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तुमने कह तो दिया

 यारो इश्क़ थोडा़ बहुत सब ने ही किया होगा वो चाहे किसी जानवर से हो या इंसान से मगर तकलीफ तो तब होती हैं जब वो आपका दिल तोड़ देता है। 



वाकई कभी-कभी किसी की एक छोटी और ओछी बात दिल में ऐसा घाव करती है जो भरता नहीं है। 

कुछ ऐसी ही कशमकश में लिखा एक दर्द भरा गीत पेश है आपकी ख़िदमत में -



तुमने कह तो दिया भूल जाओ भूलना इतना आसान है क्या, 

मरना बिन तेरे मुश्किल नहीं जीना बिन तेरे आसान है क्या।

सूख जाता है जब कोई शज़र छूट जाता है पत्तों का घर, 

टूटे पत्तों से जाकर के पूछो टूटना इतना आसान है क्या। 

                        मरना बिन तेरे मुश्किल नहीं...........

जाने कितनी दफा हम तुम एक दूजे से छुप छुप मिले, 

भूल जाते थे सिकवे सभी जब भी नैना से नैना मिले। 

इतने पहरो में मिलना कोई जान बोलो ना आसान है क्या। 

                         मरना बिन तेरे मुश्किल नहीं..........

याद तुमको वो वादे भी है क्या तुम थे मैं था और कोई नहीं,

जाने कितनी ही रातें बिताई मैं जगा तुम भी सोई नहीं।

इश्क़ की ऐसी लहरें उठी तैरना इतना आसान है क्या।

                         मरना बिन तेरे मुश्किल नहीं........

मैने माना था सब कुछ तुम्हें तुमने धोखा दिया क्यू मुझे,

तुम सजाओगी घर को मेरे हाय सपनो के दीपक बूझे। 

तेरे सपनो में डूबा था मैं डूबना इतना आसान है क्या। 

                       मरना बिन तेरे मुश्किल नहीं............

जिंदगी का जहर पी रहा हूँ बिन तेरे मैं भी जी तो रहा हूँ,

तुमने शहरो की रस्में निभाई मैं भी जख्मों को सी तो रहा हूँ। 

याद कर कर के आँसू बहाऊ भूलना इतना आसान है क्या ।

तुमने कह तो दिया भूल जाओ भूलना इतना आसान है क्या, 

मरना बिन तेरे मुश्किल नहीं जीना बिन तेरे आसान है क्या।

                               दशरथ रांकावत "शक्ति"

https://youtu.be/evJ7bmXzwGw




Comments

  1. बहुत शानदार कविराज......👌🥰

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  2. मर्म की विलक्षणता प्रकट करती काव्य रचना

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बहुत धन्यवाद इस प्रोत्साहन के लिए

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